चाय या कॉफी ☕भाग 2
दिल्ली एनसीआर में एक बहुत ही प्रतिष्ठित गारमेंट एक्सपोर्ट वेयरहाउस था--सुमंगलम।
बहुत ही नामी अपने ब्रांड से पहचाना जाने वाला वेयरहाउस जो लड़कियों के ही आउटफिट्स बनाता था।
बाजार में इसकी बिक्री "S " के नाम से होती थी।जैसे कि आजकल रुपा,लायरा,गो कलर्स आदि मार्केट में हैं उसी प्रकार S भी काफी नामी ब्रांड बन चुका था।
हालांकि सुमंगलम विदेशों में भी गार्मेंट्स एक्सपोर्ट के बाद देसी बाजारों में अब घुसकर अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा था।
इसके कारण भी थे कि इसके प्रोजेक्ट्स इतने बढ़िया क्वालिटी के होते थे कि रिजेक्शन का प्रश्न ही नहीं था।
सुमंगलम एक्सपोर्ट हाउस मेंः10 बजे
लगभग सभी की तरह यहां भी ठीक दस बजे सभी एंम्प्लाइज की एंट्री जरूरी था।टाइम मैनेजमेंट बहुत ही जरूरी था।
आने का टाइम फिक्स था लेकिन वापस घर लौटने का कोई निश्चित समय नहीं था..जितना बड़ा पोजीशन..उतनी देर..रात तक..काम करना पड़ता था।
ठीक 10:05मिनट पर कंपनी का घंटा बजने लगा..ठन..ठन..!!
ऑलमोस्ट सबलोग पंचिंग मशीन पर अपनी एंट्री कर अपने काम पर लग ही चुके थे।
अपने केबिन में आरती बैठकर अपने लैपटॉप में काम के अपडेट्स देख रही थी।
उसने तुरंत फोन घुमाया।
--अनामिका प्लीज कम इन माय केबिन।,,
पाँ च मिनट के भीतर अनामिका वहां पहुंच जाती है।
,,अनु यार देख नया मेल आया है। ये वन पीस ड्रेस शौर्ट स्लीव्स में चाहिए।जरा इनके लिए डिजाइन बनाकर दे।,,
,,ओके।,,अनामिका ने कहा।
उसके हाथ कैनवास पर चलने लगे। मुश्किल से कोई दस पंद्रहमिनट में उसने दस बारह डिजाइन तैयार कर दिए थे।
,,आरती..!,लुक हियर..।,,
,,व्वाओ...ग्रेट..!,फिर आरती ने हेड टेलर को बुलाकर उस डिजाइन के हिसाब से पैटर्न बनाने को कहा।
आरती--,,अनु थोड़ा फ्रेश हो जाएं एकदम कड़क चाय मंगवा ती हूँ।,,
अनु --,,हाँ यार, लंच का टाइम नहीं हुआ?ओह अभी तो बारह भी नहीं बजे हैं।,,
आरती फोन कर चाय के लिए कहती है।कमल
,,दीदी चाय..!,,कहते हुए वहां आता है।
,,वाह कमल तूने तो जान भर दी मुझमें।तेरे हाथ की चाय पीकर तो मुझमें एक नया जोश जाग जाता है।,,
,,थैंक्यू दीदी।,,बोलकर कमल चला जाता है ।दोनों सहेलियां चाय पीती हैं।
आरती के हाथ अनवरत मोबाइल पर चल रहे हैं।
,,व्वाओ अनु,देख तेरे सारे स्टाइल सेलेक्ट होते जा रहे हैं..आइ एम टू...हैप्पी..!,,
अनु..एक दम लगभग चिल्ला कर आरती ने कहा
यार.. सारे स्टाइल सेलेक्ट हो गए।यार तू एक आर्टिस्ट है मानना पड़ेगा..!,,
अनामिका--,,हाँ यार अब अपनी सैलरी बढ़ाने का अच्छा मौका है।सुबोध तो ऐसे बढाने से रहा..अब बच्चू आएगा जेब में..!,,
आरती--,,ऐसे मत बोल अनु,बढ़ा तो देता ही है तनख्वाह ।अब दीवाली में मिलेगा हमें बंपर बोनस।,,
अनु--,,मौसी आ रही है.. अगले महीने.. ऑपरेशन होगा शायद..?लंबी साँस लेते हुए अनामिका बोली।
आरती--,,कैसा ऑपरेशन..?
अनामिका--,,शायद स्टोन है और भी बहुत कुछ... पता नहीं.. क्या क्या.. लगभग झल्लाते हुए उसने कहा।
..अब आएंगे सब और शुरू हो जाएंगे ..शादी.. शादी..!,,
आरती--तो बस कह दे कि एक स्टैंडर्ड का लड़का दे तो फिर कर ले शादी।,,
अनामिका--,,अरे नहीं.. अब इतना अच्छा जॉब छोड़कर घर गृहस्थी के फेर में कौन पड़े?,,
आरती--,,यू आर राइट।इतने फ्रीडम में हमें कौन झेल सकता है भला। ..हाहा..!,,वह हँसने लगती है।
चल छोड़.. मैं नीचे से होकर आती हूँ।देख लूं टेलर्स को.।नहीं तो काम का कबाडा़ ना कर दे..!,,
अनु--,,ओके फिर मैं अपने केबिन में चलती हूँ।,,
***
क्रमशः
सीमा...✍️❤️
©®
#नॉन स्टॉप प्रतियोगिता
Kavita Jha
18-Sep-2022 08:57 AM
बहुत सुंदर 👌👌
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Zakirhusain Abbas Chougule
01-May-2022 06:35 PM
Nice
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Haaya meer
27-Apr-2022 09:07 PM
Very nice
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